बिजली उपभोक्ता के लिए राहत भरी खबर , ज्यादा बिल भरने से मिलेगा छुटकारा

Haryana Update:-
मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में 18,000 करोड़ रुपये की लागत से 800 मेगावाट की दो तापीय योजनाओं को लोक भवन में मंजूरी दी गई
उनकी क्षमता बहुत अधिक है व कोयले का बहुत कम उपयोग होता है। इससे खर्च भी कम होता है। उपभोक्ताओं को इससे निश्चित रूप से लाभ होगा।
हमने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिती के दौरान एनटीपीसी के साथ ओबरा में एक थर्मल प्लांट बनाने का अनुबंध किया था। राज्य सरकार और एनटीपीसी ने इस समझौते के अनुसार प्लांट शुरू करने का फैसला किया है, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
इसमें दोनों पक्षों से 3० प्रतिशत इक्विटी व वित्तीय संस्थानों से ७० प्रतिशत ऋण दिया जाएगा। इकाई 50 महीने में और इकाई 56 महीने में तैयार होने का लक्ष्य है।
1 रुपये प्रति यूनिट का खर्चा कम होगा
उन्होंने कहा, "थर्मल क्षेत्र में हमारी क्षमता 7,000 मेगावाट है व ये दोनों संयंत्र इसकी लगभग एक चौथाई क्षमता वाले हैं।"हमें उम्मीद है
यह प्लांट प्रदेश और देश भर के लिए विद्युत हब बन सकता है। इन संयंत्रों को कोयला एनसीएल की कोयला खदानों से मिलेगा, उन्होंने बताया।
कोयले की खपत और परिवहन लागत को कम करने से काफी बचत होगी। फिलहाल, हम बिजली प्रति यूनिट 5.50 रुपये पर खरीदते हैं।
जबकि इस प्लांट से हम बिजली 4.79 रुपये प्रति यूनिट खरीद सकेंगे। हम उपभोक्ताओं को 20 रुपये में सस्ती बिजली दे सकेंगे।
इन परियोजनाओं को एनटीपीसी के साथ पचास प्रतिशत साझेदारी में पूरा किया जाएगा। यह ३० प्रतिशत इक्विटी प्रदान करेगा, जबकि ७० प्रतिशत फंड को वित्तीय संस्थान संभालेंगे।
यह राज्य में पहली सुपर-क्रिटिकल यूनिट होगी। राज्य में आज तक ऐसा कोई प्लांट नहीं बनाया गया है। इस तरह के पौधे की प्रौद्योगिकी उन्नत है,
50 महीने में पहली मशीन तैयार होगी
शहरी विकास व ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कैबिनेट को निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा, "बिजली की खपत बढ़ रही है और हमारा मानना है कि यह दिन-ब-दिन बढ़ती रहेगी।"
प्लांट लगभग पांच सौ एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा, और अगर अतिरिक्त जमीन की जरूरत होगी तो अतिरिक्त जमीन भी उपलब्ध कराई जाएगी। एनटीपीसी और उत्तर प्रदेश सरकार 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।