Russia Ukraine War पहुंची खतरनाक मोड पर, यूक्रेन का आरोप- रूस ने किया हड्डियाँ गला देने वाले हथियार का इस्तेमाल

Russia Ukraine war में पुतिन ने एक बार फिर छोड़ दिया है अपना ब्रह्मास्त्र. एक ऐसा बम जो इंसानों की हड्डी तक गला देता है. यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि जंग में हताश पुतिन ने एक बार फिर उसके निर्दोष लोगों पर फास्फोरस बम से हमला किया है.
सवाल यही है कि फास्फोरस बम कितना खतरनाक होता है. रूस और यूक्रेन की जंग (Russia Ukraine War) की हद 9 महीना पार हो चुकी है. इस दौरान यूक्रेन की ज़मीन और आसमान पर हजारों टनों के हिसाब से बारूद जला, सैकड़ों टन के हिसाब से गोलिया चल चुकी हैं, और हजारों की तादाद में रॉकेट और मिसाइलों (rockets missile attacks) ने आसमानी रास्तों से होते हुए यूक्रेन का कलेजा छलनी किया है लेकिन इस दौरान जिस सबसे खतरनाक हथियार का इस्तेमाल रूस की सेना ने किया है वो है फॉस्फोरस (phosphorus bomb) बम गुस्साए पुतिन ने एक बार फिर यूक्रेन पर आग वाले अंगारे बरसाए हैं.
Used Phosphorus Bomb in Russia Ukraine War
डोनेस्क का बखमुट इलाके में पुतिन ने फाइटर जेट्स ने एक बार फिर बेहद खतरनाक फॉस्फोरस बम गिराया. बखमुट पर पुतिन के फॉस्फोरस बम गिराने का मतलब ही है कि रूस अपने मकसद को पाने के लिए अब किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं. यूक्रेन ने रूस पर जिस फॉस्फोरस बम से हमला करने का आरोप लगाया है वो कितना खतरनाक है. उसे इस बात से समझिए कि जहां ये बम गिरता है वहां का तापमान 800 डिग्री के पार चला जाता है. इसे ऐसे समझिए कि 100 डिग्री सेल्सियस तापमान होने पर जब पानी उबलने लगता है तो 800 डिग्री तापमान के जेनरेट होने पर क्या हुोता होगा. बस उसकी कल्पना कीजिए और फिर उस इलाके में रह रहे लोगों के बारे में सोचिए जहां पुतिन का ये केमिकल बम गिरा है.
रूस का यूक्रेन पर फास्फोरस बम से हमला
डोनेस्क के बखमुट में गिराया फास्फोरस बम
यूक्रेन ने वीडियो जारी करके लगाया आरोप
फास्फोरस बम में बरसते हैं अंगारे
800 डिग्री सेल्सियस तक तापमान होता है
रुस पहले भी गिरा चुका है फास्फोरस बम
जहां बम गिरा वहां 20 फीसदी आबादी
बखमुट में रह रही 20 फीसद आबादी
बखमुट में जहां रूस ने ये फॉस्फोरस बम गिराया है वहां अब भी 20 फीसदी आबादी रह रही है. हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब पुतिन ने यूक्रेन पर फॉस्फोरस बम से हमला किया है डोनेस्क से पहले सूमी और लुहांस्क में भी पुतिन फॉस्फोरस बम गिरा चुके हैं. पुतिन के केमिकल बम से हमले के बाद अब सिर्फ परमाणु बम (Nuclear Bomb) ही बचता है लेकिन जहां तक फॉस्फोरस बम का सवाल है तो ये भी कम खतरनाक नहीं कैसे उसे भी समझिए. ICRC के मुताबिक व्हाइट फॉस्फोरस बम हवा में जलता हुआ फॉस्फोरस फैलाता है. जब खुली जगह पर फॉस्फोरस गिराया जाता है तो वो सैकड़ों किलोमीटर के दायरे में फैल जाता है. ये फॉस्फोरस तब तक जलता रहता है जब तक ऑक्सीजन खत्म नहीं होती. जो इसके संपर्क में आता है जलन से उसके अंदरुनी अंग डैमेज हो जाते हैं. मतलब फॉस्फोरस बम के जो भी संपर्क में आता है उसके बचने की गुंजाइश ना के बराबर होती है.
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