Today History: दो हवाई जहाजों की टक्कर, 583 पैसेंजर्स की मौत, जानिए आज के दिन का दिल दहला देने वाला इतिहास

Today History: 27 मार्च यानी आज के दिन, साल 1977 में इसी दिन हुए एक विमान हादसे की खौफनाक कहानी जब भी लोगों को याद आती है तो लोगों का दिल खौफनाक मंजर से दहल जाता है। इस दिन स्पेन (Spain) के रनवे पर दो बोइंग विमान (Boeing Planes) भिड़ गए थे, और इस हादसे ने 583 लोगों की जान ले ली थी।
विमान हादसे की तस्वीरें (1977 Plane Crash Photos) आज भी सोशल मीडिया पर देखी जा सकती हैं। उन तस्वीरों को देखकर हादसे की भयावहता का अंदाजा आप खुद लगा सकते है। ये विमान हादसा दुनिया का सबसे भीषण हादसा (World’s Worst Air Crash) माना जाता है। स्पेन में टेनेराइफ़ द्वीप (Tenerife-North Airport) पर लॉस रोडियोस हवाई अड्डे के रनवे पर ये दर्घटना घटी थी। एयरलाइन के इतिहास में यह सबसे विनाशकारी दुर्घटना के तौर पर दर्ज है। (1977 Worst Plane disaster in Airline History)

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कैसे हुई दोनों विमानों में टक्कर ?
Today History: जिन दो विमानों में टक्कर हुई थी उनमें एक विमान था – KLM Flight 4805, जिसने एम्सटर्डम से उड़ान भरी और वहीं दूसरी थी Pan Am American Flight 1736, जो अमेरिका के लॉस एंजिलिस (Los Angeles) से आ रही थी। दोनों विमानों को एक ही एयरपोर्ट पर उतरना था। लेकिन यात्री इलाके में एक विस्फोट होने के बाद वहां अफरातफरी मच गई। सारी गतिविधियां ठप हो गयी। एयरपोर्ट के रास्ते बंद कर देने पड़े। विस्फोट की वजह से एयर ट्रैफिक को भी डायवर्ट करना पड़ गया था। कुछ ऐसा हुआ था उस दिन…
Now the Story Begin…

क्या मौसम बना 583 लोगों की मौत की वजह?
Today History: KLM का विमान पहले रनवे (Runway) पर उतर चुका था, और उसके पीछे आ रह था-लॉस एंजिलिस से आ रहा American Plane। मौसम भी उस दिन खराब था। फिजां में धुंध छाई थी। दोनों ही विमान चालकों को कुुछ साफ नजर नहीं आ रहा था। रिपोर्ट के अनुसार जैसे ही अमेरिकी विमान रनवे पर उतरा उस वक्त विजिबलिटी करीब 500 मीटर के करीब थी। बाद में घटकर 100 मीटर से भी कम हो चुकी थी।
दोनों एक ही रनवे पर उतरे थे, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी तक नहीं थी। खराब मौसम के दौरान ही KLM के विमान ने TAkeoff के लिए रन करना शुरू कर दिया। और अमेरिकी विमान से जा टकराया। दोनों विमानों में जोरदार धमाका हुआ। चारों तरफ आग ही आग फैल गई, और विमान पर सवार 583 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। अमेरिकी विमान के केवल 61 लोगों को ही उस समय बचाया जा सका।

दुनिया के सबसे बड़े विमान हादसे से मिला सबक?
इस हादसे के बाद अंतरराष्ट्रीय विमान परिचालन के क्षेत्र में कुछ नये नियम बनाए गये। विमान चालक (Pilot) और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के बीच की संचार व्यवस्था (Communications) की खामियों को दूर किया गया। विमान परिचालन में इस्तेमाल किये जाने वाले कुछ शब्दों को बदल दिया गया। मसलन टेकऑफ (Takeoff) के बदले डिपार्चर (Departure)। इसी के साथ क्रू संसाधन प्रबंधन भी बना।

दुर्घटना की जांच में क्या सामने आया ?
सन् 1977 की इस बड़ी दुर्घटना की जांच में करीब 70 विशेषज्ञ शामिल हुए थे, जिनमें अमेरिका, नीदरलैंड्स और दोनों एयरलाइन कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल थे। तथ्यों से पता चला कि KLM के पायलट ने ये सोचा था कि उसे टेकऑफ़ के लिए मंजूरी दे दी गई थी, जबकि टेनेराइफ़ कंट्रोल टॉवर (Tenerife Control Tower) का मानना था कि KLM 747 रनवे पर स्थिर था। गलती यहीं पर हुई। दोनों में ठीक से संचार नहीं हो सका।

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