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टमाटर की कीमतों के बाद चावल के रेट को लेकर सरकार ने किया बड़ा फैसला

टमाटर की कीमतों के बाद चावल के रेट को लेकर सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने सितंबर 2022 में गैर-बासमती सफेद चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात टैक्स लगाने के बाद गुरुवार को इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया....

 
टमाटर की कीमतों के बाद चावल के रेट को लेकर सरकार ने किया बड़ा फैसला

Haryana Update: केंद्र सरकार ने बीते सप्ताह नॉन बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगाई है. अब अन्य कैटेगरी के चावलों के निर्यात पर भी रोक लगाने की तैयारी चल रही है. मार्केट रिसर्च फर्म नोमुरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार बढ़ती मुद्रास्फीति और असमान बारिश के कारण चावल की अन्य श्रेणियों पर निर्यात प्रतिबंध बढ़ा सकती है.

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सरकार ने सितंबर 2022 में गैर-बासमती सफेद चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात टैक्स लगाने के बाद गुरुवार को इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया. इसके अलावा केंद्र ने टूटे चावल के निर्यात पर भी रोक लगा दी है. वर्तमान में लगभग 42 प्रतिशत चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है, जबकि बासमती और उबले चावल अभी भी बरकरार हैं.

रिपोर्ट के अनुसार हालिया प्रतिबंध से वैश्विक चावल की कीमतों में गड़बड़ी होने की उम्मीद है, क्योंकि वैश्विक चावल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है. ऊंची वैश्विक कीमतें अनरिस्ट्रिक्टेड कैटेगरी पर लागू होती हैं, घरेलू मुद्रास्फीति अभी भी ऊंची वैश्विक कीमतों से प्रभावित हो सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है हमें उम्मीद है कि आपूर्ति में हस्तक्षेप जारी रहेगा, सब्जियों की आसमान छूती कीमतों के कारण जुलाई और अगस्त में मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत के स्तर से ऊपर रहने की संभावना है.

सितंबर 2022 के प्रतिबंधों के बावजूद चावल की मुद्रास्फीति सालाना आधार पर 9 प्रतिशत से बढ़कर जून में 12 प्रतिशत हो गई है. दैनिक डेटा जुलाई में और वृद्धि के संकेत देता है. मानसून के देर से आने और इसके असमान प्रसार के कारण जुलाई में धान की बुआई बाधित हो रही है.

पिछले कुछ हफ्तों में सब्जियों विशेषकर टमाटर, प्याज और दालों की कीमतों में उम्मीद से अधिक वृद्धि के कारण जून में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 4.81 प्रतिशत हो गई. सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा 1 जुलाई को जारी आंकड़ों के अनुसार कंज्यूमर फूड इंडेक्स भी जून में बढ़कर 4.49 प्रतिशत हो गया.

पहाड़ी राज्यों में रिकॉर्ड बारिश के कारण पत्तागोभी, फूलगोभी ककड़ी, पत्तेदार साग आदि जैसी सब्जियां भी महंगी हो सकती हैं. भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान बेंगलुरु के निदेशक एसके सिंह ने इस महीने की शुरुआत में बताया कि उत्तर भारत में खासकर हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से टमाटर, पत्तागोभी, फूलगोभी, शिमला मिर्च आदि की खड़ी फसल को नुकसान होगा. जलभराव के कारण वायरस और सिल्ट फसल को सड़ा देंगे, जिसके परिणामस्वरूप कीमतें काफी हद तक बढ़ जाएंगी.

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