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ये है दुनिया की सबसे दौड़ने वाली ट्रेन, कैमरे में कैद करना मुश्किल

अगर आप ट्रेन में सफर करते हैं तो सबसे तेज दौड़ने वाली ट्रेन के बारे में तो जानते ही होंगे। ये ट्रेन चंद घंटों में यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुंचा देती है। इस ट्रेन की रफ्तार इतनी है कि कैमरे में कैद करना मुश्किल है। 

 
ये है दुनिया की सबसे दौड़ने वाली ट्रेन, कैमरे में कैद करना मुश्किल

Haryana Update:समय भारत अपने रेलवे सफर को लोगों के लिए सुगम बनाने का प्रयास कर रहा है। जिस कड़ी में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत की गई है। वहीं, सबसे तेज चलने वाली बुलेट ट्रेन के प्रस्ताव पर भी काम चल रहा है। दरअसल, ये ट्रेन चंद घंटों में अपने यात्रियों को उनके मंजिल पर पहुंचा देती है। दरअसल, इन ट्रेनों की रफ्तार इतनी तेज होती है कि इन्हें कैमरे में कैद करना भी कई बार मुश्किल हो जाता है।

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इस लेख के माध्यम से हम आपको दुनिया के कुछ ऐसे ही ट्रेन के बारे में बताएंगे जो चंद देरी में ही अपने यात्रियों के लंबे से लंबे सफर को खत्म कर देती है। इसके अलावा इस लेख में उन अन्य ट्रेनों का भी जिक्र करेंगे, जो दुनिया भर में अपनी रफ्तार के लिए जानी जाती हैं।

यह है सबसे तेज चलने वाली ट्रेन


एससी मैग्लेव ट्रेन दुनिया की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन है, जो जापान की पटरियों पर दौड़ रही हैं। इस ट्रेन ने साल 2015 में 603 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पकड़ी थी और खुद के ही 12 साल के रिकॉर्ड को तोड़ा था। उस दौरान ट्रेन में 40 से अधिक रेलवे कर्मचारियों को बैठाकर परीक्षण किया गया था। इस ट्रेन ने 11 सेकेंड में 1.8 किलोमिटर की रफ्तार पकड़ ली थी। अब तक इसका रिकॉर्ड और कोई ट्रेन नहीं रोक पाई है।

स्ट्रांग मैग्नेटिक लेविटेशन प्रणाली से दौड़ती है ये ट्रेन


मैग्लेव ट्रेन अन्य सामान्य ट्रेन की तकनीकों की तुलना में बेहतर तकनीक से संचालित की जाती है। इस ट्रेन को मैग्नेटिक लेविटेशन प्रणाली के द्वारा संचालित किया जाता है। दरअसल, इस तकनीक में ट्रेन और पटरियों के बीच में एक तरह का स्ट्रांग मैग्नेटिक फोर्स रहता है।

पटरी और पहिये में रहती है छह इंच तक की दूरी


आपको यह बात सुनने में अजीब लगेगी कि जब यह ट्रेन दौड़ती है तो, इसके पहिए और पटरियों के बीच एक तय दूरी होती है। दरअसल, यह पटरियों पर नहीं बल्कि पटरियों के ऊपर दौड़ती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि बिना पटरियों के पहिए कैसे आगे बढ़ सकते हैं, तो ऐसा उसकी तकनीक यानी मैग्नेटिक फोर्स के कारण संभव हो पाता है।

मैग्नेटिक लेविटेशन प्रणाली के माध्यम से पटरियों और पहियों के बीच घर्षण की मात्रा खत्म हो जाती है, जिसकी वजह से ट्रेन को कम समय में अपनी रफ्तार पकड़ने में आसानी हो जाती है। इसी कारण मैग्लेव ट्रेन बाकि ट्रेन की तुलना में तेजी से दौड़ती है।

दूसरी सबसे तेज दौड़ने वाली ट्रेन


दुनिया की दूसरे नंबर पर तेजी से चलने वाली ट्रेन भी जापान में ही दौड़ती है। दूसरी सबसे तेज ट्रेन जेआर मैग्लेव एमएलएक्स01 है। यह ट्रेन 581 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ती है। हालांकि, अभी इसका प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ है। इसके ट्रैक अभी कुछ ही जगहों पर बिछाए गए हैं, लेकिन प्लानिंग के तहत अगले चार सालों में 500 किलोमीटर तक इस ट्रेन के लिए ट्रैक बिछा दिया जाएगा।

इतनी रफ्तार से दौड़ती है TGV ट्रेन


दुनिया की सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों में टीजीवी ट्रेन का नाम भी शामिल है। इस ट्रेन का निर्माण फ्रांस की एल्सटॉम कंपनी द्वारा किया गया है। इस ट्रेन की रफ्तार 575 किलोमीटर प्रति घंटा है। आपको बताते चलें, फ्रांस की इस कंपनी ने भारत रेलवे के साथ हाथ मिलाकर कई लोकोमोटिव का भी निर्माण किया है।

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